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प्रिंटिंग इडस्ट्री पर लगातार छा रहे हैं संकट के बादल, जानें क्यों चौपट हो रहा बाजार
कोरोना से पहले तक बड़े पैमाने पर नए साल के कैलेंडर प्रिंट करवाए जाते थे, लेकिन अब यह चलन कम हो गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
डिजिटल युग में कैलेंडर का बिजनेस लगभग चौपट हो गया है. कुछ साल पहले तक बड़े पैमाने पर कैलेंडर छपते और बिकते थे. सरकारी से लेकर कई प्राइवेट कंपनियां कैलेंडर प्रिंट करवाकर अपने ग्राहकों को देती थीं, लेकिन अब यह कल्चर समाप्त होता जा रहा है. नए साल के कैलेंडर दिसंबर से ही छपने और बिकने शुरू हो जाते थे, मगर इस बार ऐसा बहुत कम देखने को मिला है.
रफ्तार नहीं पकड़ रहा कारोबार
कई प्रोफेशनल बताते हैं कि दिसंबर में उन्हें ढेरों कंपनियों के कैलेंडर मिलने लगते थे, लेकिन इस बार इक्का-दुक्का कंपनियों ने ही नए वर्ष के कैलेंडर प्रिंट करवाए हैं. कोरोना महामारी के दिनों में कैलेंडर के कारोबार में गिरावट दर्ज की गई थी, क्योंकि लोग एक-दूसरे के डायरेक्ट कांटेक्ट में आने से बच रहे थे. अब स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो गई है, मगर कैलेंडर का बिजनेस रफ्तार नहीं पकड़ सका है, जिससे पता चलता है कि प्रिंटेड कैलेंडर भी लोगों की लाइफ से बाहर हो रहे हैं.
कोरोना ने बदल दी आदत
कार्ड एवं कैलेंडर बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि पहले मोबाइल फोन की वजह से दीवार से घड़ियां गायब हुईं और अब कोरोना महामारी के बाद से कैलेंडर का इस्तेमाल भी काफी कम हो गया है. उनके मुताबिक, कोरोना ने लोगों की आदत को बदल दिया है. अब लोग डेट-टाइम या किसी इवेंट आदि के बारे में जानकारी के लिए घड़ी या कैलेंडर नहीं, मोबाइल फोन देखते हैं. इससे उनके समय और पैसे दोनों की बचत होती है. कोरोना के बाद से कैलेंडर का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
टैक्स में नहीं मिलती छूट
वहीं, एक रिपोर्ट में थोक विक्रेताओं के हवाले से बताया गया है कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, बैंकों आदि को अब कैलेंडर-डायरी पर टैक्स में छूट नहीं मिलती, इसलिए उन्होंने ग्राहकों को उपहार स्वरूप कैलेंडर देना बंद कर दिया है. कुछ विक्रेताओं का कहना है कि यदि हालात नहीं बदले तो उन्हें कोई दूसरा बिजनेस ऑप्शन देखना होगा. बात केवल कैलेंडर या डायरी तक ही सीमित नहीं है, वेडिंग इनविटेशन प्रिंट करवाने का चलन भी कम हुआ है. अब लोग विवाह का निमंत्रण पत्र डिज़ाइन करवाकर व्हाट्सऐप से भेज रहे हैं.
वेडिंग इनविटेशन भी ऑनलाइन
कार्ड बिजनेस से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि शादियों का सीजन होने के बावजूद लोग वेडिंग इनविटेशन प्रिंट करवाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. कोरोना से पहले बड़ी संख्या में ऑर्डर आया करते थे, लेकिन इस बार ऑर्डर काफी कम हैं. इसकी वजह है सोशल मीडिया के माध्यम से निमंत्रण पत्र भेजने का चलन. दरअसल, इससे कार्ड खरीदने, प्रिंट करवाने और उसे भेजने में होने वाला खर्चा बच जाता है, इसलिए लोग व्हाट्सऐप पर वेडिंग इनविटेशन भेजने को तवज्जो दे रहे हैं. लेकिन इस बदलते ट्रेंड की वजह से कार्ड के बिजनेस पर खासा असर पड़ा है.
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